एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के नए स्ट्रेन और टीके को लेकर क्या कहां
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*कोरोना वायरस में ही इंग्लैंड में म्यूटेशन पाया गया है। वायरस में इस तरह के म्यूटेशन होते रहते हैं। इस वायरस में पहले भी कई म्यूटेशन हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि महीने में एक या दो बार इस वायरस में हल्का म्यूटेशन जरूर होता है। इंग्लैंड के दक्षिणी हिस्से व लंदन में विशेषज्ञों ने यह पाया है कि जहां पर मामले बढ़ रहे हैं वहां पर नए वैरिएंट से संक्रमित मरीज पाए गए हैं। इस आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है कि म्यूटेशन के बाद वायरस अधिक संक्रामक हो गया है। इसलिए उन्होंने चेतावनी जारी की है। इसके संक्रमण से मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। लेकिन इसके कारण इंग्लैंड में मौतें ज्यादा हुई या अस्पतालों में मरीजों के दाखिले बढ़ गए अभी यह बात सामने नहीं आई है। इसलिए अभी तक यह माना जा रहा है कि नए स्ट्रेन से संक्रमण अधिक फैलता है लेकिन यह जानलेवा ज्यादा नहीं है*
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*उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि नए स्ट्रेन में 17 म्यूटेशन देखे गए हैं। एक म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन पर और अन्य म्यूटेशन वायरस के अलग-अगल हिस्सों पर है। टीका स्पाइक प्रोटीन पर असर करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टीके से जो एंटीबॉडी बनती है वह स्पाइक प्राटीन के कई हिस्सों पर असर करता है। स्पाइक प्रोटीन के वे हिस्से इस म्यूटेशन से प्रभावित नहीं हुए हैं। इसलिए वायरस में म्यूटेशन के बावजूद टीका कारगर होगा। इंग्लैंड में टीका लगना शुरू हो गया है, वहां अध्ययन करने पर स्थिति स्पष्ट होगी कि टीका वायरस से बचाव कर रहा है या नहीं*
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*मौजूदा स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। यदि इंग्लैंड का वैरिएंट वायरस यहां आता है तो मामले अचानक बढ़ सकते हैं। इसलिए लोगों को मास्क लगाने, दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का पालन सख्ती से करना होगा। जब तक टीका नहीं आ जाता तब तक कोई विकल्प नहीं है। सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव व कम्युनिटी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि देश में कोरोना वायरस में म्यूटेशन को लेकर खास अध्ययन नहीं हुए हैं। इसलिए यहां भी म्यूटेशन का पता लगाने के लिए यहां भी अध्ययन व जेनेटिक सिक्वेंस करने की जरूरत है।इंग्लैंड में कोरोना वायरस संक्रमण में म्यूटेशन की सूचना ने डॉक्टरों और लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इंग्लैंड में कोरोना वायरस में म्यूटेशन के बाद जो नया वैरिएंट पाया गया वह अभी देश में नहीं है, लेकिन वह देश में आ सकता है। इसलिए पहले की तुलना में अधिक सर्तक रहने और सख्ती से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना होगा। सतर्कता में लापरवाही से नए स्ट्रेन का संक्रमण यहां भी फैल सकता है